ऑक्सीकरण संख्या को निर्धारित करने के नियम किसी यौगिक/आयन में किसी तत्त्व की ऑक्सीकरण संख्या का मान जानने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। ये नियम निम्नवत् हैं
- स्वतन्त्र अथवा तात्त्विक अवस्था में उपस्थित किसी तत्त्व के प्रत्येक परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या सदैव शून्य होती है।
उदाहरणार्थ- He, H2, O2, Cl2, O3, P4, S8, Na, Mg तथा Al में प्रत्येक परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या शून्य है।
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किसी तत्त्व के अपररूपों की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है। उदाहरणार्थ-C के अपररूप हीरा तथा ग्रेफाइट दोनों की ऑक्सीकरण संख्या शून्य होती है।
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किसी एकपरमाणुक आयन (monoatomic ion) की ऑक्सीकरण संख्या उस पर उपस्थित आवेश के बराबर होती है। उदाहरणार्थ-Na+, Mg2+, Fe3+, Cl2,O2- आयनों की ऑक्सीकरण संख्याएँ क्रमशः 1, 2, 3, -1 तथा -2 हैं।
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अधातुओं के साथ यौगिकों में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है। धात्विक हाइड्राइडों | (जैसे-NaH,MgH2, LiH, CaH2 आदि) में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है।
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अधिकांश यौगिकों में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -2 होती है। परॉक्साइडों (जैसे H2O2, BaO2 आदि) में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है। सुपर ऑक्साइडों (जैसे-KO2, RbO2 आदि) में प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु के लिए ऑक्सीकरण संख्या -92 निर्धारित की गई है। एक अन्य अपवादस्वरूप ऑक्सीजन डाइफ्लुओराइड (OF2) तथा डाइऑक्सीजन डाइफ्लुओराइड (O2F2) जैसे यौगिकों में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या
क्रमशः +2 तथा +1 है।
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सभी क्षार धातुओं की अनेक यौगिकों में ऑक्सीकरण संख्या +1 होती है तथा सभी क्षारीय मृदा धातुओं की ऑक्सीकरण संख्या +2 होती है। ऐलुमिनियम की उसके यौगिकों में ऑक्सीकरण संख्या सामान्यतः +3 होती है।
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सभी यौगिकों में फ्लुओरीन की ऑक्सीकरण संख्या -1 होती है। यौगिकों में क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन की ऑक्सीकरण संख्या साधारणत: -1 होती है, परन्तु जिन यौगिकों में ये तत्त्व ऑक्सीजन से जुड़े होते हैं उन यौगिकों में इन तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या कोई धनात्मक संख्या होती है।
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दो अधातु परमाणुओं वाले यौगिकों में अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्त्व के परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या ऋणात्मक होती हैं जबकि कम विद्युत ऋणात्मक तत्त्व के परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक होती है। उदाहरणार्थ-NH2 तथा NI2 में N कम विद्युत ऋणात्मक परमाणु से जुड़ा है इसीलिए इसको -3 ऑक्सीकरण संख्या दी जाती है, परन्तु जब यह NF2 में अधिक विद्युत ऋणात्मक परमाणु से जुड़ा होता है, तब इसे +3 ऑक्सीकरण संख्या दी जाती है।
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उदासीन यौगिकों में सभी परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्याओं का बीजीय योग शून्य होता है। उदाहरणार्थ-CH4 में सभी परमाणुओं का बीजीय योग शून्य है।
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जटिल तथा बहुपरमाणुक आयनों में, आयन के सभी परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्याओं का बीजीय योग आयन पर उपस्थित आवेश के बराबर होता है।
धात्विक तत्त्वों की ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक होती है तथा अधात्विक तत्त्वों की ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक या ऋणात्मक होती है। संक्रमण धातु तत्त्व अनेक धनात्मक ऑक्सीकरण संख्या दर्शाते। हैं। -ब्लॉक के तत्त्वों के लिए उनकी उच्चतम धनात्मक ऑक्सीकरण संख्या उनकी वर्ग संख्या के बराबर होती है। 2-ब्लॉक के तत्त्वों (उत्कृष्ट गैसों को छोड़कर) के लिए उच्चतम धनात्मक ऑक्सीकरण संख्या उनकी वर्ग संख्या में से 10 घटाकर प्राप्त की जाती है। यद्यपि p-ब्लॉक के तत्त्वों के लिए उच्चतम ऋणात्मक ऑक्सीकरण संख्या 8 में से संयोजी कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या घटाकर प्राप्त की जा सकती है। इसका अर्थ है कि आवर्त सारणी के किसी आवर्त में उच्चतम धनात्मक ऑक्सीकरण संख्या सामान्यत: बढ़ती है। आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त में ऑक्सीकरण संख्या +1 से +7 तक बढ़ती है।