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ऑक्सीकरण संख्या पर टिप्पणी लिखिए।

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ऑक्सीकरण संख्या

किसी यौगिक या आयन में तत्त्व के एक परमाणु पर स्थित धन या ऋण आवेशों की संख्या उस तत्त्व की ऑक्सीकरण संख्या कहलाती है, जबकि उस अणु या आयन में उपस्थित अन्य परमाणुओं को उनके सम्भावित आयनों के रूप में पृथक् कर दिया जाता है। यह संख्या धनात्मक व ऋणात्मक दोनों प्रकार की हो सकती है। उदाहरणार्थ-NaCl में Na की ऑक्सीकरण संख्या +1 और Cl की ऑक्सीकरण संख्या -1 है, क्योंकि Na पर इकाई धनावेश तथा Cl पर इकाई ऋणावेश है।

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