Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Pratham Singh in Chemistry
edited
सीसा संचायक सेल का संक्षिप्त वर्णन

1 Answer

0 votes
Deva yadav
edited

सीसा संचायक सेल या लेड संचायक बैटरी 

यह सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली संचायक बैटरी है। इसका उपयोग सभी स्वचालित वाहनों, जैसे-कार, बस आदि में तथा घरेलू ऊर्जा स्रोतों (power inverters) में किया जाता है। इसमें अनेक लेड संचायक सेल (lead storage cells) श्रेणीक्रम में व्यवस्थित होते हैं।

एक लेड संचायक सेल वास्तव में एक गैल्वेनिक सेल है जिसमें ऐनोड सूक्ष्म वितरित स्पंजी लेड (finely divided spongy lead) से पैक की गई लेड (या लेड-ऐन्टीमनी मिश्र धातु) की एक जाली का बना होता है, जबकि कैथोड लेड डाइऑक्साइड (PbO2) की एक परत युक्त एक लेड की जाली का बना होता है। विद्युत अपघट्य के रूप में सल्फ्यूरिक अम्ल के एक तनु विलयन (लगभग 38% द्रव्यमानानुसार) का प्रयोग किया जाता है जिसका विशिष्ट घनत्व (specific gravity) 1.3 g cm होता है। एक संचायक सेल का सेल विभव 2 वोल्ट होता है।

लेड संचायक बैटरी बनाने के लिए अनेक लेड संचायक सेलों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। सेल विभव (emf) 12 V प्राप्त करने के लिए 6 सेलों को तथा सेल विभव 24 V प्राप्त करने के लिए 12 सेलों को श्रेणीक्रम में जोड़ने की आवश्यकता होती है। एक लेड संचायक बैटरी में ऐनोड तथा कैथोड़ प्लेटें (जिन्हें ग्रिड (grids) कहा जाता है। एकान्तर रूप में व्यवस्थित होती हैं तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के 38% विलयन में डूबी रहती हैं। ऐनोडों तथा कैथोडों को एक-दूसरे से पृथक् करने के लिए कुचालक पदार्थ से बने पृथक्कारकों (separators) को प्रयोग किया जाता है। ऐलोड तथा कैथोड प्लेटें पृथक् रूप से एक-दूसरे से जोड़ दी जाती हैं। इससे इलेक्ट्रोडों के पृष्ठ क्षेत्रफल में वृद्धि होती है तथा बैटरी की विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो जाती है।

बैटरी में स्थित प्रत्येक सेल में निम्न इलेक्ट्रोड अभिक्रियाएँ होती हैं –
ऐनोड पर : Pb(s) + SO2-4(aq) → PbSO4 (5) + 2e
कैथोड पर : PbO2 (s) + SO2-4 (aq) + 4H+ (aq) + 2e → PbSO4 (s) + 2H2O

Related questions

...