एकांक आवेश को परिपथ में बहने के लिए या प्रवाहित होने के लिए सेल द्वारा किया गया कार्य या आवेश को दी गयी ऊर्जा को ही सेल का विद्युत वाहक बल कहा जाता है। जब सेल से कोई धारा प्राप्त नहीं रही उस स्थिति में दोनों इलेक्ट्रोडो के मध्य विभवान्तर को विद्युत वाहक बल कहते है।
अथवा
एकांक आवेश को पूरे परिपथ (सेल सहित) में प्रवाहित करने में सेल द्वारा दी गयी ऊर्जा को सेल का ‘विद्युत वाहक बल’ (electromotive force) कहते हैं। यदि किसी परिपथ में q आवेश प्रवाहित करने पर सेल को W कार्य करना पड़े (ऊर्जा देनी पड़े) तो सेल का वि० वा० W/q बल यदि W जूल में तथा q कूलॉम में हों तो E का मान वोल्ट में प्राप्त होता है। यदि किसी परिपथ में 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित करने पर सेल द्वारा दी गयी ऊर्जा 1 जूल हो, तो सेल का वि० वा० बल 1 वोल्ट होता है। वि० वा० बल प्रत्येक सेले का एक लाक्षणिक गुण होता है। सेल के विद्युत वाहक बल का सही मापन करने के लिए, इसको मापने के लिए प्रयुक्त यन्त्र का प्रतिरोध अनन्त होना चाहिए। परन्तु वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनन्त नहीं होता है। इसलिए इससे विद्युत वाहक बल का सही-सही मापन नहीं किया जा सकता है।