छायावादी युग के गद्य की विशेषताएँ
छायावादी युग के गद्य की अनेक विशेषताएँ हैं। प्रेमचन्द, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल एवं जयशंकर प्रसाद ने जो गद्य रचनाएँ कीं, उनका रूप अत्यन्त प्रौढ़, परिष्कृत एवं विकसित है। विषयों, शैलियों, विधाओं की विविधता इस काल के गद्य की एक प्रमुख विशेषता है। इस युग में नाटक, उपन्यास, निबन्ध, कहानी, आलोचना आदि विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट कोटि की गद्य-रचना हुई।