आदिकाल में प्रमुख रूप से चारण या भाट कवियों द्वारा काव्य-रचनाएँ की गयीं। प्राय: सभी कवि राजाओं के दरबार में रहकर काव्य-रचना करते थे। आदिकाल या वीरगाथाकाल की कविता की सामान्य विशेषताएँ या प्रमुख प्रवृत्तियाँ इस प्रकार हैं—
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