दृश्य काव्य तथा श्रव्य काव्य का अन्तर
दृश्य काव्य का रंगमंच पर अभिनय किया जा सकता है, जब कि श्रव्य काव्य का अभिनय नहीं किया जा सकता। दृश्य काव्य का आनन्द उसे देखकर अथवा सुनकर लिया जा सकता है, जब कि श्रव्य काव्य का आनन्द केवल सुनकर ही लिया जा सकता है।