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वाइमर संविधान के दोषों को बताइए।

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वाइमर संविधान के दोष

वाइमर गणतंत्र ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर निर्भर ऐसी प्रणाली का विकास किया जिसमें किसी एक दल को बहुमत पाना लगभग असंभव था, फलस्वरूप देश में गठबन्धन सरकारें बनती थीं। अनुच्छेद 48 राष्ट्रपति को नागरिक अधिकार समाप्त करते हुए आपातकाल लागू करके डिक्री द्वारा शासन करने की शक्ति देता था। अल्पकाल में ही वाइमर रिपब्लिक ने 20 अलग-अलग मन्त्रिमण्डल देखे जिनका औसत कार्यकाल 239 दिन था और साथ ही अनुच्छेद 48 का भी भरपूर प्रयोग हुआ। फिर भी संकट का समाधान नहीं हो सका। परिणामस्वरूप लोगों का लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली से विश्वास उठ गया।

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