यूरोप में अभिजात वर्ग की दशा प्रकार
यूरोप में अभिजात वर्ग राजा के अधीन था जिसका समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान था। वस्तुत: भूमि पर उनका ही अधिकार होता था।
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अभिजात वर्ग जागीरदार होता था और दास की रक्षा करता था बदले में वह उसके प्रति निष्ठावान रहता था।
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अभिजात वर्ग की एक विशेष स्थिति थी, उसके पास सम्पूर्ण अधिकार होते थे।
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वह अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा सकता था और युद्ध के नेतृत्व का भी उसे अधिकार प्राप्त था।
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उसका स्वयं को न्यायालय था। वह अपनी मुद्रा भी प्रचलित कर सकता था।