पत्तिग्रस्त प्रजातियाँ-वे प्रजातियाँ जिनके आवास इतने नष्ट हो चुके हैं कि उनके शीघ्र ही संकटग्रस्त स्थिति में आ जाने की सम्भावना है या ये संकट-सीमा तक पहुंच चुकी हैं। सुभेद्य या असुरक्षित प्रजातियाँ-वे प्रजातियाँ जिनकी निकट-भविष्य में आपत्तिग्रस्त श्रेणी में आने की सम्भावना है।