in भूगोल
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जैवमण्डल पर टिप्पणी लिखिए।

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जैवमण्डल में पृथ्वी के निकट का वह कटिबन्ध सम्मिलित है जो किसी-न-किसी रूप में जैव विकास के लिए अनुकूल पड़ता है। इसका निर्माण स्थलमण्डल, जलमण्डल और वायुमण्डल तीनों के सम्पर्क क्षेत्र में होता है। इन तीनों के संयोग से ऐसा पर्यावरण बन जाता है जो वनस्पति जगत, जीव-जन्तु और मानव-शरीर के विकास के लिए अनुकूल दशाएँ प्रदान करता है। पृथ्वी तल के निकट स्थित यह क्षेत्र हो । जैवमण्डल (Biosphere) कहलाता है। विद्वानों ने जैवमण्डल को तीन पर्यावरणीय उपविभागों में बाँटा है (i) महासागरीय, (ii) ताजे जल एवं (iii) स्थलीय जैवमण्डल। इनमें स्थलीय जैवमण्डल अधिक महत्त्वपूर्ण है।

जैवमण्डल के तत्त्व-जैवमण्डल के तीन प्रमुख तत्त्व हैं-1. वनस्पति के विविध प्रकार, 2. जन्तुओं के विविध प्रकार तथा 3. मानव समूह।। वनस्पति-जगत में समुद्री पेड़-पौधों से लेकर पर्वतों की उच्च श्रेणियों तक पाए जाने वाले वनस्पति के विविध प्रकार सम्मिलित हैं। जन्तु-जगत में समुद्रों में पाए जाने वाले विविध जीव, मिट्टियों को बनाने वाले बैक्टीरिया और स्थल पर पाए जाने वाले विविध जीव-जन्तु सम्मिलित हैं। जैवमण्डल के तत्त्व वायु, जल, सूर्य-प्रकाश और मिट्टियों पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से निर्भर होते हैं। जैवमण्डल के तत्त्वों में परस्पर गहरा सम्बध होता है। किसी तत्त्व में कमी या अवरोध उत्पन्न होने पर जैवमण्डल पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

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