Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Pratham Singh in भूगोल
पारिस्थितिक सन्तुलन को समझाइये

1 Answer

0 votes
Deva yadav
किसी पारितन्त्र या आवास में जीवों के समुदाय में परस्पर गतिक साम्यता की अवस्था ही पारिस्थितिक सन्तुलन कहलाती है। यह तभी सम्भव है, जब जीवधारियों की विविधता अपेक्षाकृत स्थायी रहे। इसे पारितन्त्र में हर प्रजाति की संख्या के एक स्थायी सन्तुलन के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है। यह सन्तुलन निश्चित प्रजातियों में प्रतिस्पर्धा व आपसी सहयोग से होता है। कुछ प्रजातियों के जीवित रहने के संघर्ष से भी पर्यावरण सन्तुलन प्राप्त किया जा सकता है। पारिस्थितिक सन्तुलने इस बात पर भी निर्भर करता है कि कुछ प्रजातियाँ अपने भोजन व जीवित रहने के लिए दूसरी प्रजातियों पर निर्भर रहती हैं, जिससे प्रजातियों की संख्या निश्चित रहती है और सन्तुलन बना रहता है; जैसे—विशाल घास के मैदानों में शाकाहारी जीव अधिक संख्या में होते हैं और मांसाहारी जीव अधिक नहीं होते हैं, अत: इनकी संख्या नियन्त्रित रहती है।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...