Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Pratham Singh in भूगोल
edited
पारिस्थितिक सन्तुलन की महत्ता को स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

0 votes
Deva yadav
edited
पारिस्थितिक तन्त्र जीवन का आधार है। इसका मूल उद्देश्य मानव एवं प्रकृति के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित करना है, परन्तु जनसंख्या में द्रुतगति से वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों का तीव्र गति से विदोहन हुआ है तथा पारिस्थितिक असन्तुलन के कारण जीवन के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बढ़ा है। समग्र रूप से पारिस्थितिक सन्तुलन की महत्ता को निम्नलिखित रूपों में व्यक्त किया जा सकता है ।

1. पारिस्थितिक सन्तुलन के कारण ही वायुमण्डल एवं जलमण्डल के परिसंचरण से जलवायु सन्तुलित रहती है तथा जल एवं वन संसाधनों का भण्डार सतत बना रहता है।

2. पारिस्थितिक सन्तुलन के कारण प्राकृतिक जैव एवं अजैव घटकों की स्वनिर्मित प्रक्रिया में कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होता, जिसके कारण प्राकृतिक आपदाओं की सम्भावनाएँ न्यूनतम रहती हैं।

3. पर्यावरण सन्तुलन पृथ्वी पर जीव-जन्तु और पेड़-पौधों में एक निश्चितै अनुपात कायम रखता है,

अत: जीवन की सतत साम्यावस्था बनी रहती है। इस प्रकार पारिस्थितिक सन्तुलन को जीवन में व्यापक महत्त्व है। इसकी साम्यावस्था मानव-जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य जीव-जन्तु, पेड़-पौधों और समस्त अजैव संसाधनों की दीर्घ अवधि तक उपभोग क्षमता में वृद्धि के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...