पारिस्थितिक पिरैमिड
पारितन्त्र में खाद्य श्रृंखला के विभिन्न पोषक स्तरों में जीवधारियों के सम्बन्धों का रेखीय चित्रण पारिस्थितिक पिरैमिड (pyramid) कहलाता है। पिरैमिड पारितन्त्र में जीव की संख्या, जीवभार तथा जैव ऊर्जा को प्रदर्शित करते हैं। इनका सर्वप्रथम प्रदर्शन एल्टन (Elton, 1927) ने किया था। इनमें सबसे नीचे का पोषी स्तर उत्पादक का होता है तथा सबसे ऊपर का पोषी स्तर सर्वोच्च उपभोक्ता का होता है।
(i) जीवभार का पिरैमिड (Pyramid of biomass) – जीव के ताजे (fresh) अथवा शुष्क (dry) भार के रूप में प्रत्येक पोषी स्तर को मापा जाता है। स्थलीय पारितन्त्र में उत्पादक का जीवभार सर्वाधिक होता है। अतः पिरैमिड सीधा रहता है। तालाबीय पारितन्त्र में उत्पादक का भार सबसे कम होता है। अतः पिरैमिड उल्टा बनता है। जीवभार को g/m2 में मापा जाता है।
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(ii) संख्या का पिरैमिड (Pyramid of numbers) – इस पिरैमिड में विभिन्न पोषी स्तर के जीवों की संख्या को प्रदर्शित करते हैं। घास तथा तालाब पारितन्त्र में संख्या का पिरैमिड सीधा (upright) होता है। वृक्ष पारितन्त्र में उत्पादकों की संख्या सबसे कम (एक वृक्ष) तथा अन्तिम उपभोक्ता की संख्या सर्वाधिक होती है अतः यह पिरैमिड उल्टा होता है।
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