in भूगोल
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किसी स्थान पर प्रतिदिन निश्चित समय पर ज्वार-भाटा क्यों नहीं आते हैं? समझाइये

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ज्वार प्रत्येक स्थान पर 24 घण्टे में दो बार आता है। लेकिन ज्वार आने का समय नियमित रूप से एक ही नहीं रहता है। इसका मुख्य कारण यह है कि पृथ्वी 24 घण्टे में अपनी कक्षा पर एक चक्कर पूरा करती है। पृथ्वी अपना यह चक्कर पश्चिम से पूर्व की ओर लगाती है। चन्द्रमा भी अपनी धुरी पर घूमते हुए पृथ्वी को चक्कर लगाता है; अत: चन्द्रमा अगले एक दिन में अपने निश्चित ज्वार केन्द्र से कुछ आगे बढ़ जाता है। इस कारण ज्वार केन्द्र को चन्द्रमा के इस नवीन केन्द्र के ठीक नीचे तक या चन्द्रमा के सामने पहुँचने में 52 मिनट का समय अधिक लगता है। इस प्रकार प्रति अगले दिन ज्वार केन्द्र को चन्द्रमा के सामने आने में कुल 24 घण्टे 52 मिनट लगते हैं। इसी कारण अगला ज्वार ठीक 12 घण्टे बाद न आकर 12 घण्टे 26 मिनट बादं आता है। यह 26 मिनट की देरी प्रतिदिन होती रहती है, जो कि ज्वार आने के प्रत्येक समय में परिवर्तन सिद्ध करती है। यही स्थिति ज्वार केन्द्र के विपरीत भाग में रहती है, जहाँ ज्वार 12 घण्टे 26 मिनट पश्चात् आता है।

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