तापीय विलोमता का महत्त्व
मानव तथा आर्थिक विकास पर तापीय विलोमती का प्रभाव महत्त्वपूर्ण है। इसके द्वारा मौसम तथा जलवायु दोनों ही प्रभावित होते हैं। मेघों की बनावट, वर्षा तथा वायुमण्डल की पारदर्शकता पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है। इससे कोहरे की उत्पत्ति होती है। गर्म एवं ठण्डी धाराओं के मिलने से भी कोहरे की उत्पत्ति होती है। यह मछली व्यवसाय के लिए भी उपयोगी है। कहीं-कहीं पर कोहरा फसलों के लिए लाभदायक होता है। कोहरे के कारण अरब में यमन की पहाड़ियों पर कहवे की खेती सम्भव हो पायी है, क्योंकि यह सूर्य की किरणों के तीक्ष्ण प्रभाव को कम कर देता है, परन्तु कोहरे के प्रभाव से फसलों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता, जिससे नाइट्रोजन की कमी हो जाती है तथा फसलें पीली पड़ जाती हैं। पहाड़ी ढालों पर फलों की खेती में ताप का व्युत्क्रमण सहायक होता है।