रेखीय प्रसार गुणांक
माना किसी छड़ की एक निश्चित ताप t पर लम्बाई L है तथा उसके ताप में ΔT की वृद्धि करने पर लम्बाई में ΔL की वृद्धि हो जाती है। किसी ठोस वस्तु को गर्म करने पर उसकी लम्बाई में वृद्धि निम्न बातों पर निर्भर करती है–
(i) छड़ की प्रारम्भिक लम्बाई पर-लम्बाई में वृद्धि छड़ की प्रारम्भिक लम्बाई (L) के अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात्
∆L ∝ L
(ii) छड़ के ताप में वृद्धि पर लम्बाई में वृद्धि ΔL छड़ के ताप में वृद्धि ΔT के अनुक्रमानुपाती होती
अर्थात ∆L ∝∆L
उपर्युक्त दोनों तथ्यों को एक साथ लिखने पर,
∆L ∝ L∆T
अथवा ∆L = α L∆T …(1)
जहाँ α (ऐल्फा) एक नियतांक है। यह छड़ के पदार्थ का “रेखीय प्रसार गुणांक’ कहलाता
किसी पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक, लम्बाई में उस वृद्धि के बराबर होता है, जब उसकी एकांक लम्बाई का ताप 1°C बढ़ाते हैं।
यह छड़ के पदार्थ पर भी निर्भर करता है। यदि विभिन्न पदार्थों की समान छड़ों को समान ताप तक गर्म किया जाये तो उनकी लम्बाई में वृद्धि भिन्न-भिन्न होती है। उपर्युक्त सूत्र (2) से रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक =
अत: रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक प्रति डिग्री सेल्सियस होता है।