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Pratham Singh in Physics
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आवेश के संरक्षण का नियम क्या है तो आवेश के संरक्षण का जो मौत एक नियम है

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Deva yadav
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आवेश का संरक्षण

किसी प्रथक्रत निकाय में ना तो आवेश (charge) उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है। यह आवेश संरक्षण (Charge conservation) का नियम कहलाता है।

आवेश संरक्षण के उदाहरण

  1. कांच की छड़ (rods) को रेशम से रगड़ने पर जितना धन आवेश कांच की छड़ पर उत्पन्न होता है, उतना ही ऋण आवेश रेशम (silk) पर उत्पन्न होता है।
  2. विशेष अवस्था में जब अत्यधिक ऊर्जा युक्त (लगभग 1.02 MeV) गामा किरण फोटॉन, परमाणु के नाभिक पर आपतित होता है तो एक इलेक्ट्रॉन तथा एक पॉजिट्रोन का युग्म उत्पन्न होता है। चूंकि इलेक्ट्रॉन पर ऋण आवेश (charge) होता है तथा पॉजिट्रोन पर ठीक उतना ही धन आवेश (Positive charge) होता है, अतः कुल मिलाकर आवेश शून्य होता है। इलेक्ट्रॉन व पॉजिट्रोन, परमाणु (atomic) के नाभिक में नहीं होते है। वास्तव में, उर्जा अवशोषित करके नाभिक (nucleus) में एक न्यूट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करके प्रोटॉन में बदलता है तथा एक प्रोटॉन (Proton), एक पॉजिट्रोन उत्सर्जित करके एक न्यूट्रॉन में बदलता है। यह आवेश संरक्षण (conservation) के अंतर्गत आता है
  3. जब एक इलेक्ट्रॉन व एक पॉजिट्रोन (Positron) एक-दूसरे के अत्यंत समीप आते है, तो वे परस्पर संयोग करके एक-दूसरे का विनाश कर देते है तथा गामा किरण (gamma-rays) फोटॉन (ऊर्जा) की उत्पति होती है, अर्थात कुल आवेश शून्य रहता है। यहां आवेश संरक्षण गुणधर्म (Conservation property) देख सकते है।

(इलेक्ट्रॉन)e– + (पॉज़िट्रॉन)e+ → y (1.02 Mev)

आवेश के सम्बन्ध में ध्यान देने योग्य बातें

  1. आवेश एक अदिश राशि (scalar quantity) है, अतः धनात्मक आवेश को धन चिन्ह (+) द्वारा तथा ऋणात्मक आवेश को ऋण चिन्ह (-) द्वारा व्यक्त करते है।
  2. विद्युत आवेश योज्य (additive) राशि है। यदि किसी वस्तु के विभिन्न बिंदुओं पर भिन्न-भिन्न आवेश रखे है तो वस्तु पर कुल आवेश, उनके बीजीय योग (अर्थात चिन्ह सहित योग) के बराबर होगा। उदाहरण के लिए, दो आवेशो +q तथा -q का योग शून्य, +2q तथा -q का योग +q, +q तथा -3q का योग -2q होगा।
  3. किसी वस्तु पर आवेश, उसके वेग (velocity) पर निर्भर नहीं करता है, अर्थात् वस्तु स्थिर है अथवा वह आपेक्षित वेग से गतिमान (moving) है, उसका आवेश समान रहता है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • न्यूनतम सम्भव आवेश = 1.6×10-¹⁹ कूलाम। इसे आवेश कहते हैं।
  • आवेश अदिश राशि है। यह योज्य (additive) राशि है। इसका S.I. मात्रक कूलाम तथा विमीय सूत्र [AT] है।
  • किसी पिंड (Body) पर आवेश, उसके वेग पर निर्भर नहीं करता है।
  • आवेश संरक्षण का सिद्धान्त एक सार्वत्रिक सिद्धान्त है।

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