आपदा दो प्रकार की होती हैं- प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा। उदाहरण के लिये- आग, दुर्घटनाएँ (सड़क, रेल या वायु) औद्योगिक दुर्घटनाएँ या महामारी मानव निर्मित आपदाओं के कुछ उदाहरण हैं। प्राकृतिक और मानवनिर्मित दोनों ही आपदा भयानक विनाश करती हैं। मानव जीवन की क्षति, जीविका उपार्जन के साधनों, सम्पत्ति और पर्यावरण का अवक्रमण इन आपदाओं का परिणाम होता है। आपदाओं से समाज के सामान्य क्रियाकलापों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और इसका दुष्प्रभाव दीर्घकालीन होता है। भूकम्प, चक्रवात, बाढ़ और सूखा प्राकृतिक आपदाओं के उदाहरण हैं।
प्राकृतिक आपदा
रकृति में बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी आकस्मिक आपदा समय-समय पर आती ही रहती हैं और इनके कारण जीवन और सम्पत्ति की बहुत हानि होती है। अतः यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने और जहाँ तक सम्भव हो इन आपदाओं को कम से कम करने के उपाय और साधन खोजे जाएँ।
मानव निर्मित आपदा
मानवीय कार्य से निर्मित आपदा लापरवाही, भूल, या व्यवस्था की असफलता मानव - निर्मित आपदा कही जाती है। मानव निर्मित आपदा तकनीकि या सामाजिक कहे जाते हैं तकनीकि आपदा तकनीक की असफलता के परिणाम हैं जैसे इंजीनियरिंग असफलता, यातायात आपदा या पर्यावरण आपदा समेत.सामाजिक आपदा एक मजबूत मानवीय प्रेरणा है, जैसे आपराधिक क्रिया (criminal acts), भगदड़ (stampede), दंगा और युद्ध.