in इतिहास
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अर्द्ध नारीश्वर की कल्पना हिन्दू धर्म के किस मत में हैं?

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अर्द्ध नारीश्वर की कल्पना हिन्दू धर्म के शैव मत मे है।

  • इस मूर्ति में आधा शरीर पुरुष अर्थात् 'रुद्र' (शिव) का है और आधा स्त्री अर्थात् 'उमा' (सती, पार्वती) का है।
  • दोनों अर्द्ध शरीर एक ही देह में सम्मिलित हैं।
  • उनके नाम 'गौरीशंकर', 'उमामहेश्वर' और 'पार्वती परमेश्वर' हैं।
  • दोनों के मध्य काम संयोजक भाव है।
  • नर (पुरुष) और नारी (प्रकृति) के बीच का संबंध अन्योन्याश्रित है। पुरुष के बिना प्रकृति अनाथ है, प्रकृति के बिना पुरुष क्रिया रहित है।

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