फुतुहत-ए-फिरोजशाही फिरोज तुगलक की आत्मकथा का नाम है। सल्तनत काल में दिल्ली के एकमात्र सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने अपने संस्मरण (आत्मकथा) लिखे, जिसे 'फुतुहाते फिरोजशाही' के नाम से जाना जाता है। मुगल काल में दो बादशाहों बाबर एवं जहांगीर ने अपनी-अपनी आत्मकथा क्रमश: तुजुक-ए-बाबरी तथा तुजुक-ए-जहांगीरी लिखी।