आत्मकथा का शाब्दिक अर्थ होता है-अपनी कहानी। यह लेखक का अपने जीवन से सम्बद्ध वर्णन है। अतः आत्मकथा किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा लिखा गया वह आख्यान या वृत्तान्त है जो वह बड़ी बेबाकी से अपने जीवन के बारे में प्रस्तुत करता है। जैन कवि बनारसीदास की ‘अर्द्धकथा’ को हिन्दी के आत्मकथा साहित्य की प्रथम आत्मकथा कहा जाता है।
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