बाबरनामा मुगल बादशाह ने अपनी आत्मकथा फारसी में लिखी थी | बाबरनामा को मुख्यत: तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला दौर 1494 में फरगाना के राजा बनने से लेकर 1503 तक का है। बाबर ने अपनी जीवनी मातृभाषा चागताई (तुर्की भाषा का पुराना स्वरुप) में लिखी थी। बाद में बाबर के पोते अकबर ने तुजुक-ए-बाबरी का फारसी भाषा में अब्दुर्रहीम खान-ए-खानां द्वारा हिजरी 998 (1589-90 ई) में अनुवाद कराकर किताब को चित्रों से सजाया|
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