उत्तर वैदिक काल में शासन व्यवस्था का सामान्य रूप राजतंत्र था। उत्तर वैदिक काल (1000-600 ई.पू.) भारतीय इतिहास में उस काल को, जिसमें सामवेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद तथा ब्राह्मण ग्रंथों, आरण्यकों एवं उपनिषद की रचना हुई, को उत्तर वैदिक काल कहा जाता है। चित्रित धूसर मृद्भाण्ड इस काल की विशिष्टता थी, क्योंकि यहाँ के निवासी मिट्टी के चित्रित और भूरे रंग के कटोरों तथा थालियों का प्रयोग करते थे। वे लोहे के हथियारों का भी प्रयोग करते थे।