किसान आन्दोलनों को संगठित करने की दिशा में बहुमूल्य योगदान के लिए स्वामी सहजानन्द सरस्वती को ‘किसान प्राण’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। स्वामी सहजानन्द सरस्वती भारत के राष्ट्रवादी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे भारत में किसान आन्दोलन के जनक थे। वे आदि शंकराचार्य सम्प्रदाय के दसनामी संन्यासी अखाड़े के दण्डी संन्यासी थे। वे एक बुद्धिजीवी, लेखक, समाज-सुधारक, क्रान्तिकारी, इतिहासकार एवं किसान-नेता थे।