ऋग्वेद में ‘हिरण्य मर्म’ की उपाधि इन्द्र को दी गई है। ऋग्वेद के लगभग एक-चौथाई सूक्तभगवान इन्द्र से सम्बन्धित हैं। 250 सूक्तों के अतिरिक्त 50 से अधिक मन्त्रों में उसका स्तवन प्राप्त होता है। वह ऋग्वेद का सर्वाधिक लोकप्रिय और महत्त्वपूर्ण देवता है। उसे आर्यों का राष्ट्रीय देवता भी कह सकते हैं।
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