खुर्रम द्वारा दक्षिण भारत के सैन्य अभियानो में महत्वपूर्ण सफलता अर्जित करने के कारण जहाँगीर ने उसे शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की थी। जहांगीर के चार पुत्र अर्थात् खुसरो, परवेज, खुर्रम और शहरयार थे. उनमें से, खुर्रम सबसे सक्षम और महत्वाकांक्षी था. उसने बिहार और बंगाल में स्वतंत्र संप्रभुता प्राप्त करने की भी कोशिश की थी जब उसने 1623-24 ईस्वी में जहांगीर के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. हालांकि, वह मुगल सेनापति महाबत खान से हार गया था और उसके समक्ष प्रस्तुत किया गया था.