प्लिनी ने रोम से भारत में सोने के निर्गमन पर दुःख प्रकट किया था, प्लिनी एक प्राचीन रोमन ग्रीक यात्री, वैज्ञानिक, और लेखक थे। उनका पूरा नाम गायुस प्लिनीस सेकुंडस (Gaius Plinius Secundus) था, और वे प्रमुखतः 1वीं सदी में रामानुज भूमि के एक उपनिवेशक थे। प्लिनी ने कई ग्रंथ लिखे और विभिन्न विषयों पर अपने अनुसंधानों का विवरण किया, जिसमें प्राकृतिक विज्ञान, इतिहास, औषधि, और प्राकृतिक संसाधनों का विस्तारित विवरण था।
प्लिनी का एक प्रसिद्ध ग्रंथ है "नैचरलिस्टिका" (Naturalis Historia), जिसमें वे प्राचीन विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। उनका योगदान विज्ञान और इतिहास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और उन्हें प्राचीन रोमन ग्रीक ग्रंथकारों में से एक माना जाता है।