1857 के विद्रोह के नायकों में से नाना साहब ने फ्रांस के सम्राट को लिखा था,”अंग्रेजी सरकार के अन्याय का शपथ भंग के कार्य चारों ओर ऐसे दहक रहे हैं जैसे सूर्य की किरणें। नाना साहेब ( मई 19, 1824 - सितम्बर 24, 1859) सन 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के शिल्पकार थे। उनका मूल नाम 'धोंडूपन्त' था। स्वतन्त्रता संग्राम में नाना साहेब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध नेतृत्व किया।
Stay updated via social channels