फ़ादर कामिल बुल्के के हिंदी प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि उन्होंने सबसे अधिक प्रामाणिक अंग्रेजी-हिंदी कोश तैयार किया। उन्होंने बाइबिल और ब्लू बर्ड नामक नाटक का हिंदी में अनुवाद किया। इससे पहले उन्होंने इलाहाबाद से हिंदी में एम.ए. किया। तत्पश्चात् उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से ‘रामकथा : उत्पत्ति और विकास’ विषय पर शोध-प्रबंध लिखा। उसके बाद वे सेंट जेवियर्स कॉलेज राँची में हिंदी विभाग के अध्यक्ष बने। वे ‘परिमल’ नामक संस्था के साथ जुड़े रहे। वे जहाँ-तहाँ हिंदी के प्रति प्रेम प्रकट करते थे। उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनवाने के लिए खूब प्रयत्न किया।