बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में बीमार व्यक्तियों को कैंप में ले जाया जा रहा था। एक बीमार नौजवान के साथ उसका कुत्ता भी नाव पर चढ़ आया। डॉक्टर साहब भयभीत हो चिल्लाने लगे। बीमार नौजवान पानी में उतर गया। उसके उतरते ही कुत्ता भी पानी में उतर गया। युवक के पानी में उतरने का कारण यह था कि वह नौजवान कुत्ते से अपनापन तथा भावनात्मक लगाव रखता था। वह कुत्ते को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानता था। वह अपने परिवार के इस सदस्य को कैसे छोड़कर जा सकता था? यही स्थिति कुत्ते की भी थी। उसने देखा कि जब उसका मालिक नाव से उतर गया है तो वह कैसे नाव में बैठा रहे। अपने मालिक को बाढ़ में छोड़कर वह अकेले कैंप में कैसे जाए, इसी भावना के अधीन हो कुत्ता भी नाव से उतर गया।