जूनागढ़, हैदराबाद तथा जम्मू कश्मीर ने शामिल होने में विलंब किया
आजादी के दौरान भारत 565 देशी रियासतों में बंटा था. ये देशी रियासतें स्वतंत्र शासन में यकीन रखती थी जो सशक्त भारत के निर्माण में सबसे बडी़ बाधा थी. हैदराबाद, जूनागढ, और कश्मीर को छोडक़र 562 रियासतों ने स्वेच्छा से भारतीय परिसंघ में शामिल होने की स्वीकृति दी थी. जूनागढ़ रियासत पाकिस्तान में मिलने की घोषणा कर चुकी थी वहीँ काश्मीर ने स्वतंत्र बने रहने की इच्छा व्यक्त की. हालाँकि भोपाल की रियासत भी भारत में शामिल नहीं होना चाहती थी लेकिन बाद में वह भारत में शामिल हो गयी. सबसे बाद में शामिल होने वाली रियासत भोपाल ही थी.