अल्बर्ट आइंस्टीन ने लिखा है की आगामी पीढ़ियाँ शायद ही विश्वास करें कि ऐसा रक्त मांस का मानव कभी पृथ्वी पर अवतरित हुआ था।अल्बर्ट आइंस्टीन महात्मा गांधी और उनके अहिंसा के सिद्धांत के बड़े प्रशंसक थे. वह महात्मा गांधी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए नहीं थकते थे. अपने तमाम साक्षात्कारों और वक्तव्यों में वह महात्मा गांधी की प्रशंसा करते हुए दिखते हैं।
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