in Hindi
edited
स्त्री को सौंदर्य का प्रतिमान के बारे में बताओ |

1 Answer

0 votes

edited
यह बात सच है कि स्त्री की सुंदरता को महत्त्व देकर उसे बंधन में बाँधा जाता है। यदि किसी नारी को वश में करना है तो उसकी प्रशंसा करो। विशेष रूप से, उसकी सुंदरता की प्रशंसा करो। वह मुग्ध हो जाएगी। वह न चाहते हुए भी मर मिटेगी। इसलिए फिल्मों में सारे नायक नायिकाओं के रूप-सौंदर्य के दीवाने हुए फिरते हैं। हम देखते हैं कि अपनी प्रशंसा सुनकर लड़कियाँ दीवानी हो जाती हैं। जब वे सौंदर्य-जाल में फँस जाती हैं तो वही नायक कठोर पति बनकर उनसे हर प्रिय-अप्रिय काम करवाते हैं। तब नायिका को बोध होता है कि उसका सौंदर्य-वर्णन मात्र एक छलावा था। वास्तव में तो वह एक सामान्य नारी है। जो नारी इतना भी नहीं समझ पाती, वह जीवन-भर सजती-सँवरती रहती है और समाज की प्रशंसा पाने के लिए अपने व्यक्तित्व को खो देती है। इसके विपरीत जो नारियाँ अपनी इस कमज़ोरी को समझ लेती हैं, वे पुरुषों के बहकावे में नहीं आतीं। वे शारीरिक सौंदर्य की परिधि को पार करके अपने मन और आत्मा की तृप्ति के लिए जीती हैं। वे शिक्षा, व्यवसाय या अध्यात्म के क्षेत्र में नाम कमा जाती हैं।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...