किसी भी कहानी, उपन्यास या नाटक का शीर्षक उसके मुख्य पात्र, घटनाक्रम या पाठ की महत्ता प्रकट करने वाला होता
है। ‘माता को अंचल’ पाठ का शीर्षक इस पाठ की घटनाओं पर आधारित है। वास्तव में भोलानाथ अपने पिता के साथ अधिक लगाव रखता, वह उन्हीं के साथ पूजा पर बैठता, खेलता तथा वे ही भोलानाथ को गुरु जी से बचाकर लाए, पर बिल में पानी डालने पर जब अचानक साँप निकल आता है और भोलानाथ गिरता पड़ता घर आता है तो माँ के अंचल को सुरक्षित मान उसी में शरण लेता है। अतः यह शीर्षक पूर्णतः उपयुक्त है।