भौतिक एवं जैविक संसाधन दोनों पदार्थ तकनीक के सहारे ही जीवनोपयोगी हो पाते हैं। आदि मानव तकनीक को पाकर ज्ञानी मानव बन गया। पर्यावरण में उपलब्ध पदार्थों का जनप्रिय तकनीक के सहारे जीवन को सुखमय बनाने में मानव सक्षम हो गया। जब पर्यावरण में मानव द्वारा जनप्रिय तकनीक का प्रयोग होता है तब सभ्यता विकसित होती है। सदियों से कोयला पेट्रोलियम एवं अन्य खनिज पृथ्वी के गर्भ में पड़ा हुआ था, लेकिन उस समय के आदि मानव में तकनीक ज्ञान का अभाव था।