उद्योगों द्वारा कार्बनिक तथा अकार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों को नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण के मुख्य कारक; कागज, लुगदी, रसायन, वस्त्र व रँगाई उद्योग, तेल-शोधनशालाएँ और चमड़ा उद्योग हैं, जो रंग, अपमार्जक, अम्ल, लवण तथा भारी धातुएँ: जैसे-सीसा, पारा, उर्वरक, कार्बन तथा रबर सहित कृत्रिम रसायन जल में प्रदूषण करते हैं। इन सबके परिणामस्वरूप जल किसी भी काम के योग्य नहीं रहता है तथा उसमें पनपने वाले जीव भी खतरे में पड़ जाते हैं।