लोकतंत्र में जनता प्रतिनिधि का चुनाव करती है। प्रतिनिधि जनता के विकास हेतु कार्य करते हैं, किन्तु चुने हुए शासक अपनी मन-मर्जी नहीं कर सकता। अगर चुने हुए शासक मनमानी करेंगे तो कानून उनके लिए बाधक होंगे। ऐसे शासक को विरोध विरोधी दल भी करते हैं तथा जनता भी उनके विरुद्ध उठ खड़ी होती है और वे लोगों का विश्वास खो देते हैं जिससे भविष्य में उनके लिए खतरा तथा रूकावट खड़ी हो जाती है।