तीन (दहेज निषेध विधयक 1961, बैककारी सेवा आयोग (निरसन) विधेयक 1978 तथा आतंकवाद विरोधी विधेयक 2002 (पोटा) को संयुक्त बैठक में पारित किया गया है।)
भारत का संविधान संसद के संयुक्त सत्र का प्रावधान करता है।
- भारत में द्विसदनीय संसद है। किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए, दोनों सदनों (लोकसभा और राज्य सभा) को सहमत होना चाहिए। राष्ट्रपति द्वारा अपनी सहमति देने से पहले विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना है।
- संस्थापकों ने उन स्थितियों का पूर्वाभास किया जहां संसद के दोनों सदनों के बीच गतिरोध हो सकता है।
- इसलिए, उन्होंने संयुक्त बैठकों के रूप में इस गतिरोध को तोड़ने के लिए एक संवैधानिक तंत्र प्रदान किया।