वाण्डे ग्राफ जनित्र
वाण्डे ग्राफ जनित्र एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से अतियुक्ति वैभव लगभग 106 मिलयन कोटी का प्राप्त किया जा सकता है आवेशित कणो को त्वरित करके उनकी ऊष्मा मे ब्रद्धि करने मे किया जाता है।
संरचना
वाण्डे ग्राफ जनित्र मे लगभग 5m व्यास का धातु का खोखला गोला है लगभग 15mऊंचे स्तंभ पर टिका रहता है p1 व P2 दो घिरनी होती है जो की एक मोटर द्वारा घुमाई जाती है तथा इन पर एक विद्धुत रोधी पदार्थ जैसे रबर या रेशम का बना बोल्ट गुजरता है घिसी P1 जमीन से पक्षिण वर्त घूमता है घिरनी P2 गोले के केंद्र पर है घिरनी p1 के निकट रबर को बोतल के समान एक धातु की कड़ी होती है इसे बोल्टता स्रोत {100000} से जोड़ा जाता है बोल्ट के ऊपरी सिरे घिरने p2 के सामने एक अन्य धातु की कड़ी c2 होती है।