धातुओं के भौतिक गुण
- धात्विक चमक- शुद्ध अवस्था में धातुओं में एक चमक होती है जिसे धात्विक चमक कहते हैं, जैसे सोना, चांदी।
- कठोरता- पारे और सोडियम को छोड़कर साधारण धातुएँ में कठोर होती है। कठोरता विभिन्न धातुओं में भिन्न भिन्न होता है, जैसे लोहा, तांबा।
- आघातवर्धनीय – धातुएँ आघातवर्धनीय होती है। धातुओं को पीटकर चादर है बनाई जा सकती है।
- तन्यता- धातुएँ तन्य होती है। धातुओं के तार खींचे जा सकते हैं।
- चालकलता- धातुएं विद्युत और ऊष्मा के सुचालक होती है।
- भौतिक अवस्था- साधारण ताप पर सभी धातुएं ठोस होती है, परंतु पारा तरल अवस्था में होता है।
- गलनांक –धातुओं का गलनांक प्राय बहुत अधिक होता है।
रासायनिक गुण
धातु प्रायः रसायनिक रूप से क्रियाशील होते हैं। हवा में आक्सीजन से संयोग कर धात्विक आक्साईड बनाते हैं। सबसे ज्यादा क्रियाशील अल्कली धातु (सोडियम, लीथियम, पोटेशियम - वर्ग I के धातु) होते है जबकि उसके बाद अल्कली मृदा धातुओं (बैरेलियम, मैग्नेशियम, कैल्शियम - वर्ग II के धातु) का स्थान आता है। उदाहरणार्थ -
- 4Na + O2 → 2Na2O (सोडियम ऑक्साईड)
- 2Ca + O2 → 2CaO (कैल्शियम ऑक्साईड)
- 4Al + 3O2 → 2Al2O3 (अल्यूमीनियम ऑक्साईड)
संक्रमण धातुओं का ऑक्सीकरण अपेक्षाकृत धीरे से होता है। धात्विक आक्साईड धातु के उपर एक परत बना लेते हैं, जैसे - लोहे में जंग लगना। धात्विक ऑक्साईड क्षारीय होते हैं जबकि अधात्विक ऑक्साईड प्रधानतया अम्लीय।
हैलोजनों से अभिक्रिया करते धातु धात्विक हैलाईड लवण बनाते हैं। उदाहरणार्थ -
- 2Na + Cl2 → 2NaCl (सोडियम क्लोराईड - साधारण नमक)
- Ca + Cl2 → CaCl2 (कैल्शियम क्लोराईड)
- 2Li + F2 → 2LiF (लीथियम फ्लोराईड)
अधिक क्रियाशील धातु जल के साथ अभिक्रिया करके क्षार बनाते हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त करते हैं।
कम क्रियाशील धातु साधारण ताप पर जल से अभिक्रिया नहीं करते बल्कि वे तप्त अवस्था में भाप से अभिक्रिया करके धात्विक ऑक्साईड बनाते हैं।
- Mg + H2O → MgO + H2
- Zn + H2O → ZnO + H2
अम्लों से अभिक्रिया करके धातु लवण बनाते हैं और हाईड्रोजन गैस मुक्त करते हैं -