Bluetooth
वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक डिवाईसों को आपस में एक-दूसरे से कनेक्ट करने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता हैं। इन्ही माध्यमों में से एक Bluetooth भी हैं।
इसे फाईल शेयरिंग़ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। Bluetooth एक लघु-रेंज (Short-Range) वायरलेस तकनीक हैं। जिसका उपयोग दो या अधिक ब्लुटूथ डिवाईसों के बीच आपस में कम्प्युनिकेशन स्थापित करने के लिए किया जाता हैं। ब्लुटूथ तकनी को सन 1994 में विकसित किया गया और 1997 में इसे जिम कोर्डेच के विचार पर Bluetooth नामकरण किया गया. इसके द्वारा लगभग 10 मीटर यानि 30 फीट के दायरे में वायरलेस कम्युनिकेशन स्थापित किया जा सकता हैं।
ब्लुटूथ रेडियों-तरंग (Radio Waves) के द्वारा दो या अधिक डिवाईसों को आपस में जोडती हैं. जिससे एक छोटे नेटवर्क का निर्माण होता हैं. अब ये डिवाईस इस नेटवर्क के दायरे में रहकर आपस में कम्युनिकेशन कर सकते हैं
ब्लुटूथ के फायदें(Advantages of Bluetooth)
इसका सबसे बडा फायदा हैं बिना तार के आपस में डिवाईसों को जोड सकते हैं ।
एक डिवाईस से दूसरे डिवाईस में डाटा आदान-प्रदान कर सकते हैं ।
अपने कम्प्युटर या लैपटॉप से इनपुट तथा आउटपुट डिवाईसों को बिना तार के जोड सकते हैं ।
आप अपने कम्प्युटर या लैपटॉप में स्मार्टफोन से इंटरनेट चला सकते हैं ।
इस तकनीक कि क्षमता बहुत ज्यादा होती है इसलिए आप दीवार के आर-पार भी डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं ।
यह अन्य वायरलेस तकनीक के मुकाबले सस्ती होती हैं ।
इसे ऊर्जा की बहुत कम जरूरत पडती हैं इसलिए ब्लुटूथ आपके डिवाईस के बैटरी कम खपत करती हैं ।
ब्लुटूथ तकनीक बहुत सस्ती होती हैं. इसलिए इसके तकनीक पर काम करने वाले डिवाईस सस्ते होते है और आसानी से आम लोगों की पहुँच में होते हैं, इसलिए इसका दायरा बहुत बडा हैं ।
इसका रखरखाव केवल एक ग्रुप द्वारा किया जाता हैं इसलिए इसकी तकनीक सभी डिवाईसों पर एक समान होती हैं, और लगभग सभी ब्लुटूथ डिवाईस आपस में एक दूसरे के अनुकूल होते हैं ।
केवल छोटे दायरे में संचार होता हैं इसलिए दूर स्थित डिवाईस आपके नेटवर्क से छेडछाड नही कर सकते हैं, और आप बिना किसी रुकावट अपना डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं ।