Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Pratham Singh in Fitter Theory
लिमिट के प्रकार के बारे में समझाइए विस्तार से

1 Answer

+1 vote
Deva yadav

लिमिट के प्रकार

1.Upper Limit

जॉब के अधिकतम साइज को प्रकट करने के लिए उसके मूल साइज में स्वीकृत (Permission) छूट को उसकी अपर लिमिट (Upper Limit) कहते हैं; जैसे- यदि बेसिक साइज=50 मिमी, छूट= +0.02मिमी,-0.02 मिमी
तो उसकी अपर लिमिट +0.02 मिमी
तथा अपर लिमिट साइज= 50.02 मिमी होगा।

2.Lower Limit

जॉब के न्यूनतम साइज को प्रकट करने के लिए उसके मूल साइज में स्वीकृत (Permission) छूट को उसकी लोअर लिमिट (Lower Limit) कहते हैं;
जैसे- जॉब की लोअर लिमिट= -0.02 मिमी
तथा लोअर लिमिट साइज=50.00-0.02=49.98 मिमी होगा।

Other Information

बेसिक साइज(Basic Size)

यहाँ पर मूल साइज (Basic Size) से हमारा तात्पर्य उस साइज से जिस पर छूट देकर उस साइज का सीमांकन (Limitation) किया गया है; जैसे- 50 +0.02मिमी,-0.02मिमी की विमा में मूल साइज (basic size) 50 मिमी है।

वास्तविक साइज(actual size)

वास्तविक साइज से हमारा तात्पर्य जॉब (Job) के उस साइज से है, जो मशीनिंग होने के बाद उसको मापने पर वास्तव में प्राप्त होता है। यदि वास्तविक साइज लोअर लिमिट साइज से अधिक तथा अपर लिमिट साइज से कम होता है तब जॉब को पास (OK) कर दिया जाता है परंतु यदि वास्तविक साइज, लोअर लिमिट से कम या अपर लिमिट से अधिक होता है तो जॉब को अस्वीकृत (Reject) कर दिया जाता है।
जॉब की लिमिट्स तथा फिट्स को निर्धारित करने के लिए कई सिस्टम है; जैसे-

  1. इण्टरनेशनल स्टैण्डर्ड ऑर्गेनाइजेशन (ISO)
  2. ब्रिटिश स्टैण्डर्ड सिस्टम (BSS)
  3. ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड (BIS)
  4. न्यूऑल सिस्टम (Newale System)

हमारे देश (भारत) में BIS द्वारा निर्धारित नियमों पर कार्य किया जाता है। इसके अंतर्गत आपस में फिट होने वाले पार्ट्स में अंदरूनी साइज (जिसमें कोई दूसरा पार्ट फिट होता है) वाला भाग होल (Hole) कहलाता है तथा बाहरी साइज वाला भाग शॉफ्ट (Shaft) कहलाता है।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...