in इतिहास
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भारतीय समाज पर नवजागरण पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए

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जागरण का अर्थ है जागृत होना, नींद से जागना, जनमानसिकता में नवचेतना, स्वतंत्र चिंतन, ऐसी चेतना जो पहले कभी न आई हो। जागरण शब्द का अर्थ है जब कोई देश, जाति या समाज अपनी वास्तविक परिस्थितियों और उसके कारणों का ज्ञाता हो जाता है एवं अपनी उन्नति और रक्षा के लिए सचेत हो जाता है। नवजागरण के लिए प्रायः कई पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जाता है जैसे-पुनर्जागरण, पुनरुत्थान, नवजीवन, नवजागृति, नवोत्थान आदि। परंतु आधुनिक संदर्भों में देखे तो अंग्रेजी शब्द रिनेसाँ का पर्यायवाची नवजागरण है। नवजागरण एक अवधारणा है, जिसका विकास भिन्न-भिन्न देशों में विभिन्न ऐतिहासिक परिस्थितियों, कालों एवं विभिन्न रूपों में हुआ। रिनेसां का काल प्रायः पश्चिमी युरोप जिसमें इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी जैसे देश आते हैं, इनकी सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रगति का काल माना जाता है। इस काल में कला, संगीत, साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में परिवर्तन हुआ। सर्वप्रथम पुनर्जागरण का आरंभ इटली से हुआ।  

1- भारतीय नवजागरण एवं राष्ट्रीय चेतना

2- साहित्य में समाज सुधार और नव जागरण

3- स्वतंत्रता संग्राम और नवजागरण

4- साहित्य में उपनिवेशवाद का विरोध

5- भारतीय नवजागरण और हिंदी भाषा

भारत में दो प्रकार की सुधारवादी धारणाओं का प्रचलन था- एक वे जो समाज सुधार हेतु अतीत से प्रेरणा लेना देना चाहते थे और ‘वेदों की ओर चलो ‘ का संदेश देते थे और दूसरे वे थे जो पश्चिमी विचारधारा के अनुसार विकास करना चाहते थे। इस प्रकार भारतीय नवजागरण में पुनरुत्थान और नवजागरण के भाव एक साथ चल रहे थे। भारतीय नवजागरण की प्रमुख नरनारी की समानता, आर्थिक दृष्टि से सबको समान अवसर देना, सांस्कृतिक दृष्टि से सभी को व्यक्तिगत आजादी प्रदान करना तथा सभी को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करना भी नवजागरण चेतना के प्रमुख अंग थे। नवजागरण में विज्ञान पर आधारित तर्कसंगत विचारों को महत्ता प्रदान की गई और भाग्यवाद, परलोकवाद, पुनर्जन्मवाद तथा अन्य अंधविश्वासों को नकारने पर बल दिया गया। भारतीय नवजागरण के विचारकों ने नए विचारों और धारणाओं को भारतीय संस्कृति की नींव पर स्थापित किया।

 

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