मध्यपाषाण काल में हुए प्राकृतिक परिवर्तन का मानव जीवन पर प्रभाव
मध्यपाषाण काल में प्रकृति में अनेक परिवर्तन हुए। जिसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ा। नई परिस्थिति से तालमेल बैठाने के लिए उसने छोटे उपकरण बनाना प्रारंभ कर किया जलवायु पुहले की अपेक्षा गर्म हुई तो पृथ्वी की उर्वरा शक्ति बढ़ी और घास- व वनस्पतियों के मैदान विकसित हुए। घास को खानेवाले छोटे जानवर जैसे हिरण, खरगोश, भेड़ बकरी पैदा हुए। मानव इन घासों को एकत्र करने लगी। इन घासों में कई आज के अनाजों की पूर्वज थीं। इनका प्रयोग मानव ने भोजन में किया। इस प्रकार मध्यपाषाण युग में मानव संग्राहक बन गया और उसने कुत्ता पालना शुरू कर दिया।