ब्रोन्किओल (Bronchiole)
श्वासनली वक्षगुहा में दो भागों में बँट जाती है। प्रत्येक शाखा को क्रमशः दायीं-बायीं श्वसनी (Bronchus) कहते हैं। प्रत्येक श्वसनी दोनों ओर के फेफड़े में प्रवेश करती है। फेफड़ों में श्वसनी के प्रवेश के पश्चात् यह पतली-पतली शाखाओं में बँट जाती है। इन शाखाओं को श्वसनिकाएँ या ब्रोन्किओल्स कहते हैं। श्वसनी तथा ब्रोन्किओल्स मिलकर एक वृक्षनुमा संरचना बनाते हैं, जो बहुत-सी शाखाओं में विभक्त होती है। इन शाखाओं के अन्तिम छोर पर कूपिकाएँ (alveoli) पाये जाते हैं। गैसों का विनिमय इन कूपिकाओं के माध्यम से होता है।