गुरु पूर्णिमा का महत्व : हिंदू सभ्यता में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि माता-पिता के बाद मनुष्य को सही मार्गदर्शन कराने वाला सिर्फ गुरु ही होता है। महर्षि वेदव्यास जी ने भी मानव जाति को ग्रंथों और चारों वेदों का ज्ञान दिया है। इसलिए उन्हें प्रथम गुरु का स्थान दिया गया है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन यदि व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ अपने गुरु की पूजा करें, तो उसके ऊपर गुरुजनों की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।