in इतिहास
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उत्तर भारत में राजपूतों के राजनैतिक महत्व का उल्लेख कीजिए।

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उत्तर भारत में राजपूतों के राजनैतिक महत्व 

उत्तरी भारत में राजपूत (या राजपुत्र) नामक क्षत्रिय वर्ग उदित हुआ। परमार, चौहान, चंदेल, प्रतिहार और गहरवार आदि अग्निकुण्ड से निकले क्षत्रिय माने गए। इनमें परस्पर झूठी शान, प्रतिष्ठा और प्रभुत्व के लिए युद्ध होते रहते थे। उनमें पारस्परिक एकता नहीं थी ! ये एक-दूसरे को झुकाने के लिए युद्ध करते थे। बड़े केन्द्रीय शासन का अभाव था। स्थानीय मुद्दे, स्थानीय सोच, स्थानीय भाषा अधिक प्रबल हो गई। लोगों की सोच संकुचित हो चली।


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Aapne jo jhuthi shan or pratistha ki baat khi ye batati h ke aap ketne Shi vyakti h  meri salah h aap ek bar etehash  achhe se padhe

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