प्रजनन
प्रजनन से तात्पर्य जीवो में होने वाली उस क्रिया से है, जिसमें कोई जीव अपने ही समान एक नए जीव की उत्पत्ति करता है, यानी जीवों द्वारा अपनी प्रजाति को बढ़ाने के लिए अपने समान ही जीव यानी संतान उत्पन्न करने की क्रिया को प्रजनन कहते हैं। पृथ्वी पर उपस्थित सभी प्राणियों में प्रजनन होता है। भिन्न-भिन्न प्रकार के प्राणी अलग-अलग तरह से प्रजनन करते हैं। कुछ प्राणी अंडे देते हैं जिसमें से बाद में जीव की उत्पत्ति होती है। ऐसे प्राणियों को अंडज प्रजाति का प्राणी कहा जाता है, जैसे पक्षी और सरीसृप आदि। कुछ प्राणी सीधे शिशु को जन्म देते हैं, ऐसे प्राणियों को स्तनपायी प्राणी कहा जाता है, जैसे मनुष्य, सिंह, हाथी, लोमड़ी, भेड़िया, कुत्ता, चूहा, खरगोश आदि। प्रजनन क्रिया संसार में जीवों प्रजाति के अस्तित्व को बचाये रखने के लिये आवश्यक होती है।
प्रजनन में डीएनए द्विगुणन का अत्यंत महत्व होता है। डीएनए द्विगुणन के माध्यम से किसी प्रजाति के गुण अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होते हैं। डीएनए द्विगुणन अनुवांशिक सूचनाओं के वाहक का कार्य करता है तथा सभी आनुवांशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से पीढ़ी में पहुंचाता है। डीएनए द्विगुणन एक पीढ़ी के गुणों को अगली पीढ़ी में बनाये रखताहै, जिसका उपयोग अगली पीढ़ी के विकास में किया जा सकता है।