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यकृत के कार्य बताइये

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यकृत के कार्य

शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है। इसे जिगर या कलेजा भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे लीवर (liver) के नाम से जाना जाता है। यह शरीर में पित्त रस का निर्माण करती है। यकृत का वजन डेढ़ से 2 किलोग्राम के बीच होता है। इसके पीएच का मान 7.5 होता है। जिस व्यक्ति की मृत्यु विश द्वारा की गई हो उसकी पहचान यकृत के द्वारा ही की जा सकती है।
यकृत दो भाग या पालिया (lobes) दाइने और बाईने में में बटा हुआ है। यह शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है।

  • इसका मुख्य कार्य तांबा (copper) और लोहे (iron) को संचित करना है।
  • यह रक्त में थक्का बनाने में मदद करता है और फाइब्रिनोजीन नामक प्रोटीन का निर्माण करता है।
  • इसके द्वारा ही आरबीसी (red blood cell) को नष्ट किया जाता है।
  • शरीर के ताप को नियमित करने में भी इसका मुख्य योगदान है।
  • शरीर के अंदर रक्त को जमने से रोकने वाला प्रोटीन हिपैरीन का निर्माण भी इसी के द्वारा किया जाता है।
  • प्रोटीन की अधिकतम मात्रा को कार्बोहाइड्रेट में बदलने करने का काम भी यकृत का है।
  • पित्त स्त्रावित यकृत के कारण ही हो पाता है। एंजाइम की तीव्रता को तेज़ करना भी इसी का काम है।
  • यकृत की कोशिकाएं शरीर में इतना कार्य करती है कि इनकी तुलना यांत्रिक कारखाने से की जा सकती हैं।

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